सुविचार 4743

यदि सभी आपके खिलाफ खड़े हैं तो आप पीछे मुड़ जाइये… तब आप पाएंगे कि सभी आपके खिलाफ नहीं बल्कि आपके पीछे खड़े हैं।

आज से हम चुनौतियों में भी शांत रहें और अनोखे हल निकालें…

सुविचार 4742

परिस्थितियां स्वभाव बदल देती हैं, इंसान तो कल भी वही था आज भी वही है.

मस्त विचार 4616

“ अपनी बातों को अपने मन में रखें,

बोलने से ज़्यादा करके दिखाने में आपका भरोसा होना चाहिए ”

सुविचार 4741

” स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो ” गति धीमी करने से झटका नहीं लगता,

उसी तरह मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, शांति से विचार करने पर जीवन में झटके नहीं लगते ” चलते रहिए ” !!

Kaynat

“किरदार और मुखौटे”

_ मैं तो अपने किरदार में ही रहना चाहता था और चाहता हूँ,

_ पर क्या करूँ ? लोग मुखौटा मांगते और चाहते हैं.

_ कभी-कभी लगता है, मेरा अपना असली रूप ही लोगों को कम पड़ जाता है.

_ मैं जितना सरल होकर जीना चाहता हूँ — उतना ही दुनिया मुझे किसी और रूप में देखना चाहती है.

_ लोग अक्सर मुखौटे मांगते हैं, क्योंकि सच्चाई उन्हें असहज कर देती है.

_ और मैं अपने किरदार में रहना चाहता हूँ, क्योंकि वही मेरा सत्य है, वही मेरा सुकून है.

_ शायद यही संघर्ष है..- दुनिया की अपेक्षाओं और अपने भीतर की सच्चाई के बीच.

_ लेकिन दिन के अंत में, मैं खुद से यही पूछता हूँ :

_ क्या मैं अपनी आत्मा के प्रति ईमानदार हूँ ?

_ अगर हाँ…- तो भले ही दुनिया मुखौटे चाहे,

_ मैं अपने किरदार में ही रहूँगा… क्योंकि वही मेरा घर है.!!

कभी-कभी इंसान चुपचाप सहता रहता है..- बातें, व्यवहार, उपेक्षा… जब तक उसके भीतर की सीमा टूट नहीं जाती.

_ और जिस दिन वह अपनी तकलीफ़ के खिलाफ खड़ा होता है, लोग उसके बदलाव का कारण अपने भीतर नहीं देखते.

_ वे यह नहीं कहते कि “शायद हमारे ही व्यवहार ने इसे चोट पहुँचाई”…

_ बल्कि बड़ी आसानी से कह देते हैं..- “हमें तो पहले से पता था ये ऐसा ही है”

– ” दूसरों के बदलने पर निर्णय देने से पहले, अपने बर्ताव की भूमिका को देखना जरूरी है, क्योंकि हर बगावत की जड़ में एक लंबी, अनदेखी सहनशीलता छिपी होती है.”

मुझे गहरा अँधेरा दिखता है.!

_ पर मेरी चिंता यह है कि.. इस अँधेरे को ही लोग रोशनी बताते हैं..!!

_ कभी-कभी लगता है कि मेरी नज़र जिस अँधेरे को साफ़-साफ़ पहचान रही है, वही अँधेरा लोगों की नज़रों में रोशनी बनकर खड़ा है.

_ और यही जगह सबसे थकाने वाली है..- जब सच मुझ पर भारी हो, पर बाकी लोग उसी को उजाला कहकर चैन से जी रहे हों.

– मैं बस इतना लिख सकता हूँ :

“क्या मैं गलत देख रहा हूँ, या लोग देखने से इंकार कर चुके हैं ?”

_ शायद जवाब समय बताए, पर अभी के लिए..

_ मैं वही देखूँगा जो सच्चा है, भले ही वो अँधेरा ही क्यों न हो.!!

कइयों को लगता है कि नसीब अच्छा है मेरा,

_ मगर उन्हें ये नहीं पता कि मेहनत जानलेवा थी.!

– “लोग मेरी मंज़िल देखते हैं, मेरा रास्ता नहीं.

_ उन्हें चमक दिखती है, वह अँधेरा नहीं जिसमें रोज़ खुद को घसीटकर आगे बढ़ाना पड़ा.

_ नसीब जैसा जो दिखता है… वह असल में उन अनगिनत थकानों, टूटनों और फिर संभलने की कोशिशों का परिणाम है.

_ मेहनत ने मुझे हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा मारा भी… और गढ़ा भी.

_ _ आज जो मैं हूँ, वह किसी सौभाग्य का नहीं, मेरे संघर्षों का फल है.”

Collection of Thought 1106

Never give up! Failure and rejection are only the first step to succeeding…

कभी हार मत मानो ! असफलता और अस्वीकृति ही सफलता की पहली सीढ़ी है.

मस्त विचार 4615

खुद से ही रिहा हो जाऊँ इतनी तम्मना है मेरी,

बिना किसी जुर्म के, मैंने खुद को बंद कर रखा है..!!

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